महालक्ष्मी व्रत के पारण के समय पढ़ें ये मां लक्ष्मी की आरती, हमेशा बनी रहेगी कृपा
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 25 अगस्त से महालक्ष्मी व्रत शुरू हुआ था। 16 दिनों तक धूमधाम से मनाए जाने वाले इस व्रत का आज समापन हो रहा है। इस साल का आखिरी महालक्ष्मी व्रत आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 10 सितंबर को है। मान्यता है कि सच्चे मन से महालक्ष्मी व्रत करने वालों को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है।
कहा जाता है कि महालक्ष्मी व्रत के समापन के दिन शाम को पूजा के दौरान मां लक्ष्मी की आरती पाठ भी करना चाहिए। कहते हैं आरती और मंत्र पढ़ने से व्रत का फल दोगुना हो जाता है।
मां लक्ष्मी जी की आरती-
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत, मैया जी को निशदिन * सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन सेवत,
मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता
ॐ जय लक्ष्मी माता-2
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